भारतीय इंजीनियर बच्चों को दे रहा रोबोट बनाने की प्रेरणा
भारतीय इंजीनियर बच्चों को दे रहा रोबोट बनाने की प्रेरणा
§ चंडीगढ़। अक्षय आहूजा
मात्र 23 साल के हैं, लेकिन उनकी कम उम्र नौ साल के बच्चों को भी अपने
अभियंत्रण का कौशल सिखाने और उन्हें रोबोट बनाने में मदद करने से नहीं रोक पाई।
आपका अकेलापन दूर करेंगी ये मशीनें,
बनाएंगी मूड
चंडीगढ़। रोबोट
को मिलेंगी
अक्षय
आहूजा मात्र 23 साल के हैं, लेकिन उनकी कम उम्र नौ साल के बच्चों को भी अपने
अभियंत्रण का कौशल सिखाने और उन्हें रोबोट बनाने में मदद करने से नहीं रोक पाई। वह
नई दिल्ली में एक ऐसे रोबोटिक शो के आयोजन की योजना बना रहे हैं, जिसमें 20
हजार
बच्चे भाग लेंगे।
आहूजा
खुद इंजीनियर हैं। उनका 'रोबोटिक्स एजुकेशन
वल्र्ड अभी शुरू ही हुआ है। वह चाहते हैं कि विज्ञान बच्चों के लिए एक मजे की चीज
हो और इसमें रोबोटिक्स के जरिए उनकी मदद की जाए।
आहूजा
ने इंजीनियरिंग के छात्रों की मदद के लिए वर्ष 2013
में
अपनी कंपनी की शुरुआत की थी। उन्होंने जल्दी ही युवाओं के दिमाग में रुचि जगाने का
तरीखा खोज लिया। यहां तक कि उन्हें लगा कि स्कूली बच्चों को भी इंजीनियरिंग और
प्रौद्योगिकी का कौशल सिखाया जा सकता है।
मूलत:
लुधियाना के रहने वाले आहूजा ने आईएएनएस को से कहा,
''विचार
यह था कि चीजों को सैद्धांतिक से अधिक व्यावहारिक बनाया जाए। शोध करते हुए मैंने
महसूस किया कि शिक्षा प्रणाली छात्रों को यह जानने के लिए प्रोत्साहित नहीं करती
कि किस तरह से सिद्धांत बनाए गए। मैंने अपने दृष्टिकोण की जांच करने के लिए एक
छात्र को प्रशिक्षित किया जिसका नाम अपना रोबोट बनाने के लिए 'इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हुआ।
वह
बताते हैं, ''हमारी कंपनी में
इंजीनियरिंग के मात्र 29 छात्र थे जिन्होंने
कार्यशाला में भाग लिया था। जब कार्यशाला चल रही थी तभी मैंने महसूस किया कि इसमें
थोड़ा परिवर्तन कर दिया जाए तो इसमें स्कूली बच्चों की भी रुचि हो सकती है।
आहूजा
ने कहा, ''कॉलेज के छात्रों के
साथ काम करते हुए वर्ष 2013 में मैंने नौ साल के
एक बच्चे से वहीं प्रशिक्षण लेने को कहा जिसे वे छात्र ले रहे थे। छह माह के
प्रशिक्षण के समाप्त होने पर मैंने पाया कि बच्चे ने इंजीनियरों से अधिक सीख लिया
है।
उसके
बाद मैंने नौ साल के कुछ और बच्चों को प्रशिक्षण दिया। वे आईआईटी दिल्ली गए और
उन्होंने इंजीनियरों के साथ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। कुल 32 टीमों में वे तीसरे स्थान पर आए।
अक्षय
ने उत्साहित होकर बताया कि उन्हीं बच्चों में से वह नौ साल का बच्चा भी था, जिसका नाम 'इंडिया बुक ऑफ
रिकार्ड में दर्ज है।
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आहूजा
देश का सबसे बड़ा रोबोटिक आयोजन करने पर काम कर रहे हैं। जुलाई में नई दिल्ली में
स्कूली बच्चों के लिए 'बिल्ड योर बोट
(बीवाईबी) का आयोजन करना चाहते हैं,
जिनमें
20 हजार से अधिक भाग
लेंगे।
इसमें भूटान, चीन,
नेपाल, पाकिस्तान और अमेरिका जैसे देशों के 500 से अधिक बच्चों के भाग लेने की संभावना है।
भारतीय इंजीनियर बच्चों को दे रहा रोबोट बनाने की प्रेरणा
Reviewed by raj
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